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Thursday, July 19, 2018

Bootloader क्या है ? इसके कार्य, kernel क्या है ? एवं इसके कार्य और kernel version के क्या कार्य है


आज के समय में हर किसी के पास smart phoneऔर Android phone है।  हर कोई चाहता है कि उसका मोबाइल सबसे ज्यादा स्मार्ट हो या फिर सब के मोबाइल से कुछ डिफरेंट हो इसलिए हर कोई अपने मोबाइल में कुछ नया करने की कोशिश में रहता है जैसे कि फोन को रूट करना कस्टम रोम डालना वगैरा-वगैरा अगर आपने कभी अपने मोबाइल को रूट करने की सोची होगी तो आपने बूट लोडर का नाम सुना ही होगा।  हम इसी टॉपिक पर बात करने वाले की bootloader क्या होता है और इसके काम क्या है , कर्नल क्या होता है और उसका काम क्या होता है इसी के साथ कर्नल वर्जन जो आपके मोबाइल पर दिया होता है
उसका use क्या है तो हम सबसे पहले bootloader के बारे में जानते हैं बूटलोडर क्या है और Android मोबाइल में बूट लोडर क्या काम करता है, इसके बाद एक एक करके कर्नल और कर्नल वर्सन को भी जानेंगे तो चलिए जानते हैं।

Bootloader क्या होता है-
                                            हमारा Android मोबाइल बहुत सारे छोटे-छोटे parts से मिलाकर बना होता है। इसमे कई application भी होती है यहा उन application की बात की जा रही है जो mobile के साथ company की तरफ से आती है और विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर जो हमारे फोन को स्मार्ट बनाते हैं इन सभी को मिलाकर हमारा मोबाइल बनता है और इन सारी एप्स सॉफ्टवेयर और कंपनी के द्वारा दिए जाने वाली सारे प्रोग्राम जो मोबाइल को चलाने के काम में आते है । तब अब बात आती है कि bootloader  क्या करता है तो bootloader वो होता है जो किसी mobile को on  करने पर सबसे पहले run होने वाला program होता है जो पहले run होकर वो सभी files को ढूंढता है। जिसकी जरूरत mobile को चलाने के लिए होती है । bootloader को अगर वो सभी file नही मिलती है तो mobile on नही होता है ।यही कारण होता है कि जब हम अपने mobile को root करते है । तब mobile कभी कभी boot लूप में फस जाता है। क्योंकि जब हम अपने mobile को root करते है और कोई और zip फ़ाइल या कस्टम फ़ाइल डालते है तो कई बार mobile की फ़ाइल घूम जाती है। तब bootloader इन file को ढूंढ़ता है और अगर ये फ़ाइल नही मिलती है तो मोबाइल on नही होता है । कई बार हमेसा के लिए खराब हो जाता है। अगर mobile को रुट करना होता है तो mobile के bootloader को पहले unlock करना होता है, बिना bootloader के unlock किये mobile root नही हो सकता । पर अधिकतर mobile company mobile के bootloader को lock कर के रखती है  क्यो की कोई mobile company ये नही चाहती कि कोई उसके बनाये गए program में change करे सभी company चाहती है, की कस्टमर के mibile को तभी update आये जब company update लाये। पर यदि हम अपने mobile के bootloader को unlock कर लेते है तो हम अपने mobile को अपने हिसाब से customized  कर सकते है। पर सभी mobile के bootloader आसानी से unlock नही होते है, कुछ company तो bootloader को आसानी से unlock करने देती है ।पर ऐसी भी company है जो bootloader को unlock इतनी आसानी से नही होने देती खास तौर पर यदि आपके पास mi का mobile है तो इसके लिए आपको कम से कम एक हप्ते का wait करना पड़ता है।  तब जा के company आपके mobile के bootloader को unlock करती है । अगर आप भी अपने mobile को root करना चाहते है तो आपको भी आपके mobile के bootloader को unlock कर सकते हो और new new feature  का use कर सकते हो। इसका एक फायदा यह भी होता है, की यदि आप अपने mobile का bootloader unlock कर लेते हो तो आप अपने mobile को काफी हद तक अपनी जरूरत के अनुसार बना सकते हो।


Kernel क्या होता है-
                                  जैसा कि हमने जाना कि , mobile के start होते ही सबसे पहले run होने वाला bootloader  होता है। और इसके बाद जो program run होता है, वो होता है कर्नल ये mobile के start होने के बाद पूरे mobile मतलब  hardware  तथा software को control करता है। कर्नल वास्तव में एक communicator का काम करता है ये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच communication बनाने का काम करता है । जैसे  hardware  को जब software  की जरूरत होती है। तो यह signal कर्नल पहुचता है तब सॉफ्टवेयर काम करता है। उदाहरण के लिए अब यदि हमें mobile में torch चालू करना है   तो हम क्या करते है कि torch के वाले icon में touch करते है ।तो hardwere कर्नल को बताता है कि torch चालू करने के लिए उसे light की जरूरत है। तब कर्नल सॉफ्टवेयर को बताता है। तब सॉफ्टवेयर light को on करता है। तब जा के हमारे mobile की torch चालू होती है।  इस प्रकार mobile में कर्नल एक बहुत ही important program होता है ।जो हमारे mobile को आसान बनाता है। और सारी एक्टिविटी को control करता है।

Kernel version के कार्य 
                                          आपने देखा होगा आपके mobile में about फ़ोन में कही पे कर्नल version  लिखा रहता है।


 इसका काम क्या होता है   और इसे चालू कैसे करते है। कर्नल वर्सन में 3 से 4 बार click करने पर यह active हो जाता है पर इसका use कहा होता है। इसका use hardwere test में होता है अगर आप एक second hand mobile लेने की सोच रहे है और आपको नही पता है कि उस mobile  कोई प्रोबलम हो तो उसे कैसे cheack करना है। तो यह काम आप कर्नल version की मदद से बड़ी ही आसानी से कर सकते है। क्योकि जब हम इसमे 4 से 5 बार click करते है तो तब इसमे  hardwere test के लिए एक लिस्ट ओपन होती है । जिसमे
1) camera
2) speaker
3) touchpenel edge
4) torch
5) mic
6) sensors  (सभी प्रकार )
7) flash
8) finger print
9) notification light
10) battery
 इनके अलावा वो सभी hardwere जो mobile में use होते है। 



सबका test बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है । बस हमको इस लिस्ट में जिस भी hardwere का test करना है उसे एक बार touch करना है, इसके बाद सारे test मोबाइल खुद की करके बता देगा कि वह hardwere सही है या उसमे कुछ खराबी आ गई है , इसमे pass और fail खुद ही पता चल जाता है।  तो फिर आप भी अपने mobile में  kernel version  में अभी अपने mobile के hardwere  को check करिय और देखिए आपका mobile का hardwere fail होता है या pass यही सबसे आसान तरीका है। अपने mobile के hardwere को cheack करने के लिए।

                                    मैं उम्मीद करता हु , आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। ये जानकारी आपको केसी लगी और इस post से सम्बंधित सुझाव मुझे comment में जरूर बताइयेगा ।

                                    धन्यवाद

2 comments:

  1. Bahut hi achhi tarah se simpal language me samjhaya hai jo ki hame samajhne ki koi dikkat nhi hui ... very nice

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